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अयाम द्वार

कपाली  ने शिखर से पूछा, क्या तुम्हें भी वो ही दिखाई दे रहा है जो मुझे दिख रहा है मुझे एक लड़की दिख रही है जो गुस्से से जमीन खोद रही है।

"शिखर ने हां मे जवाब दिया "इसका मतलब हम दोनों एक सी चीजें देख रहे है। अब हमे बड़ी ही सतर्कता से आगे बढ़ना है और देखना है वो क्या करेगी आगे।" ठीक है, कपाली ने शिखर से कहा,..

हाँ बिल्कुल, लेकिन ध्यान रखना उसके पास ज्यादा नहीं जाना एक गैप बना कर रखना है उससे, और ना ही उसकी बात को मानना है, शिखर ने जवाब दिया,

ठीक है, कपाली ने कहा

वो दोनों अंदर से बहुत डरे हुवे थे, ये कोई ऐसा दृश्य नहीं था जैसे के आप मूवी देख रहें हो, ये ऐसे था के आपके सामने ये सब रियल में हो रहा है,

शिखर और कपाली धीरे धीरे उस लड़की की ओर बढ़ने लगे कि वो क्या करेगी। पता नही क्या था उस चश्मे मे..  कपाली ने खुद शिखर को कहा था कि हम किसी भी चीज के नजदीक नही जाएंगे और अब वह स्वयं ही उस लड़की की ओर खींचा जा रहा था, पर उससे पहले कपाली ने ये तय कर लिया था कि इस चश्में के कारण ही उन्हें ये सब दिखाई दे रहा था और ये चश्मा ही उनको आगे ले जाएगा इसलिए उसने इसपर कुछ मंत्र पढ़े, जो की उसने अपने बाबा से सीखे थे, ऐसा मंत्र जो किसी भी तांत्रिक यां मंत्रिक शक्ति का असर कम कर देता है और वो उनके वश में हो जाता है.. कपाली को नहीं पता था के ये काम करेगा भी यां नहीं क्योंकी उसने पहले एक बार है बस ये क्या था,..

लेकिन कपाली का आइडिया भी इसमें काम कर रहा था के दो लोग मिलकर चश्मे में देखते हैं.. पहले तो उसके साथी गायब हो रहे थे पर चश्मा यही रह जाता था पर अब अगर कपाली के मंत्र ने काम क्या और इन दो लोगों ने एक साथ देखा तब शिखर और कपाली गायब होते तो वो चश्मा उनके साथ जाएगा ऐसा कुछ सोच कर कपाली ने क्या था।

लड़की अब उठ कर आगे को चल दी थी,  शिखर और कपाली बचते बचाते उस लड़की के पीछे चलने लगे, थोड़ा सा आगे बढ़ने पर लड़की रुकी, उन दोनों ने गौर से देखा.. वो दोनों भी रुला गये थे.. अचानक वह लड़की गायब हो गयी ओर उन दोनों को एका एक तेज झटका लगा ओर वे बेहोश हो गये।

थोड़ी देर बाद जब कपाली को होश आया तो चारों तरफ अंधेरा था वह आंखें मलते हुए उठा तो बहुत ही धुंधलका सा प्रकाश एक छेद से आ रहा था उसने पहले तो अपनी आंखों को उस अंधेरे के अभ्यस्त किया फिर उसे थोड़ा थोड़ा दिखाई दे रहा था । कपाली ने अंधेरे में ही देखा दो परछाइयां उसके बिल्कुल सट कर बैठी थी एक तो आदमी की थी और एक औरत की थी शायद । कपाली को बहुत तेज़ प्यास लग रही थी, उसने गौर से देखा लेकिन बोला नहीं.. पता नहीं वो कौन थे दुश्मन यां दोस्त,

शायद वो लोग उसे देख पा रहे थे। इतने मे पुरुष परछाईं बोली, "कपाली ये तुम हो क्या ? शिखर कहां है?"

कपाली एकदम हक्का बक्का रह गया ये सोहन की आवाज थी । उसके दिल में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी.. कपाली बोला, "सोहन ये तुम हो क्या?"

"हां मै ही हूं और तान्या भी यही है हमें नहीं पता हम कहां है। और शिखर कहां है।" सोहन एक सांस मे बोल गया। कपाली उठा और उनको गले से लगा लिया.. आखिर वो लोग वहाँ तक तो पोहच गये थे जहाँ पर उसके दोस्त थे..

तभी शिखर के करहाने की आवाज आयी और वो आंखें मलता हुआ उठा और घबराता हुआ चीखा..

"कहां हूं मै ? कहां हूं मैं ? कपाली कहां हो तुम?"

वो एक सांस मे ही बोल गया कपाली ने उसे घबराया हुआ देख कर जल्दी से उसका हाथ पकड़ा और उसे चुप कराते हुए बोला

"शशश चुप हो जाओ हम सब यही है तुम्हारे पास।"

"सब कौन ? " शिखर आश्चर्य मिश्रित शब्दों से बोला और उठ कर बैठ गया.. वो गौर से चारों तरफ देख रहा था,

कपाली बोला, "मै सोहन और तान्या हम तीनों तुम्हारे साथ है।

शिखर एकदम से उछल कर बोला, "वो कहां मिले तुझे ?"

तभी तान्या बोली.. शांत हो जाओ शिखर.. हम बिल्कुल पास में हैं तुम्हारे.. आराम से बैठ जाओ, ये दिवार की टेक ले लो ओके..

कपाली उसे शांत करते हुए बोला,"शांत हो जा मेरे भाई मैंने तुझे पहले भी कहा था तू उत्तेजित जल्दी हो जाता है अब शांत होकर उन दोनों से पूछते है कि उनके साथ क्या घटित हुआ।

"देखो ये तो हम सबको समझ आगया है के हम चश्मे के कारण यहाँ पोहचे हैं.. लेकिन सबको क्या क्या दिख वो बताओ,.

यह कहकर कपाली और शिखर तान्या और सोहन की तरफ देखते हैं, उनको उसका चेहरा तो नहीं दिख रहा था, लेकिन उन्होंने पता था के सोहन अभी भी घबराया हुआ था.. वो उससे पूछते है कि उनके साथ क्या हुआ था

सोहन बता देता है कि एक अधजले चेहरे वाली, नुकीले दांतों वाली औरत को देखकर वो चीखा ओर बेहोश हो गया उसके बाद जब उसकी आंख खुली तो उसने अपने आप को इस अंधेरे कमरे मे पाया।और थोड़ी देर बाद मुझे इसी कमरे मे तान्या भी मिल गयी।

शिखर ने तान्या से पूछा गया कि तुमने क्या देखा..  तो तान्या बोली  कि मुझे कुछ दिखा नहीं मुझे तो मंत्रों की आवाजें आ रही थी वहीं पर मुझे भी वही औरत दिखी और इतनी भयानक औरत को देखकर मै चीख पड़ी और बेहोश हो गयी उसके बाद मै यहां हूं।

उसके बाद शिखर उन दोनों को अपना बताने लगा.. और गाँव में जाने वहाँ से वापस आने के बारे में भी बताया..

सब की बाते सुनकर कपाली कुछ सोच मे पड़ गया ओर फिर बोला, "मेरी बात ध्यान से सुनो। यह सब काम इस चश्मे की बदौलत हो रहे है यह जादुई चश्मा है और ये हमें कुछ दिखाना चाहता है और बताना चाहता है इस खंडहर रुपी महल के विषय मे जिस के बारे मे वहां के स्थानीय लोग भी नही जानते और हो सकता है ये जब ही हमारे हाथ लगा है तुमने देखा नहीं ये उस महल की दीवार मे ऐसे सम्भाल कर रखा गया था। हो सकता है इस जगह पर हम किसी वजह से आये हों ।

लेकिन कैसे.. ऐसा कैसे हो सकता है, तान्या ने पूछा

कपाली ने सब को शांत कर दिया और अब आगे के विषय में सोचने लगा।

वह बोला, "सुनो सब मैंने इस चश्मे को अपने बाबा के मन्त्र से बांध दिया था ताकि अगर हम भी गायब हो गये तो ये वहां महल के खंडहर के पास ही ना रह जाए।" और मुझे लगता है इसने काम भी क्या है.. देखो उसने जेब से चश्मा निकाल कर सब को दिखाया। और बोला, अगर मंत्र काम नहीं करता तब ये चश्मा मेरे साथ यहाँ नहीं आता.. ये वहीं रह जाता सिर्फ हम दोनों आते तान्या और सोहन की तरह.. इसलिए मुझे लगता है "अब ये मेरे वश मे है मै इसे जो कहूंगा ये वो समय काल दिखायेगा।

चलों पहले इस खंडहर का इतिहास जानते है कि आखिर रानी नागमति कौन थी, उसका ये हाल कैसे हुआ और यहां पर आने वाले लोग इस अंधेरे कमरे में कैसे आ जाते है।"

यह कहकर कपाली ने चश्मे को एक नीचे रख दिया उसे आदेश देते हुए कहा, "ऐ पुरानी यादों को दिखाने वाले चश्मे चल हमे रानी नागमति और इस खंडहर के बिषय मे बता।"

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6 Comments

Anjali korde

10-Aug-2023 09:51 AM

Nice part

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Babita patel

07-Aug-2023 10:27 AM

Nice

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वानी

10-Jul-2023 11:29 PM

Nice

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